भारत सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब और जरूरतमंद परिवारों को पक्का मकान देने के उद्देश्य से चलाई जा रही योजना — प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) — अब एक नए चरण में पहुँच गई है। हाल ही में सरकार ने इस योजना के अंतर्गत एक नया सर्वे शुरू किया है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों के पात्र परिवारों की दोबारा जाँच की जा रही है ताकि सभी योग्य लोगों को अपना घर मिल सके।
इस नए सर्वे का मकसद उन परिवारों को योजना में शामिल करना है जो पहले किसी कारणवश छूट गए थे या जिनकी स्थिति अब बदली है। सरकार चाहती है कि वर्ष 2025 तक कोई भी व्यक्ति ग्रामीण क्षेत्र में बिना पक्के घर के न रहे। यह प्रयास प्रधानमंत्री के “सबका साथ, सबका विकास” के विचार को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
यह सर्वे पूरी पारदर्शिता के साथ ग्रामीण निकायों और ग्राम पंचायतों की मदद से किया जा रहा है। अधिकारियों द्वारा गाँव-गाँव जाकर लोगों की जानकारी एकत्र की जा रही है ताकि किसी को भी गलत रूप से लाभ से वंचित न किया जाए।
PM Awas Yojana
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) भारत सरकार की एक प्रमुख सामाजिक कल्याण योजना है, जिसे ग्रामीण इलाकों में रहने वाले ऐसे परिवारों के लिए बनाया गया है जिनके पास खुद का पक्का घर नहीं है। इस योजना के तहत सरकार गरीब परिवारों को पक्का मकान बनाने में आर्थिक सहायता प्रदान करती है।
यह योजना ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत चलाई जा रही है। इसके अंतर्गत पात्र परिवारों को केंद्र और राज्य सरकार दोनों की ओर से वित्तीय सहयोग दिया जाता है। मकान निर्माण के लिए प्रति परिवार लगभग 1.20 लाख से 1.50 लाख रुपये तक की धनराशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाती है।
इसके अलावा, यदि लाभार्थी चाहे तो प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन और प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना के तहत बिजली कनेक्शन भी प्राप्त कर सकता है।
नया ग्रामीण सर्वे फॉर्म क्यों शुरू हुआ
नया सर्वे फॉर्म इसलिए शुरू किया गया है ताकि उन लोगों तक योजना का लाभ पहुँच सके जो पिछली बार किसी तकनीकी कारण, गलत जानकारी या छूट जाने के कारण सूची में शामिल नहीं हो पाए थे। इस सर्वे में जनगणना डेटा, ग्राम सभा के रिकॉर्ड और स्थानीय अधिकारियों की रिपोर्ट का उपयोग किया जा रहा है।
इस प्रक्रिया में प्रत्येक गाँव का सर्वे दल घर-घर जाकर जानकारी जुटा रहा है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जिन परिवारों के पास पक्का घर नहीं है, उन्हें प्राथमिकता दी जाए। इसके साथ ही, जो लोग पहले से पक्के घर में रह रहे हैं या अन्य सरकारी योजना का लाभ ले चुके हैं, उन्हें सूची से बाहर रखा जा रहा है।
आवेदन प्रक्रिया और पात्रता
पीएम आवास योजना ग्रामीण का सर्वे पूरा होने के बाद चयनित परिवारों को आवेदन के लिए पात्र माना जाएगा। आवेदन की प्रक्रिया ग्राम पंचायत या ब्लॉक कार्यालय स्तर पर होती है।
- आवेदन के लिए आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक पासबुक और एक निवास प्रमाण पत्र आवश्यक होते हैं।
- आवेदक के पास पक्का घर नहीं होना चाहिए और वह किसी अन्य सरकारी आवास योजना का लाभार्थी नहीं होना चाहिए।
- आवेदक का नाम ग्राम पंचायत द्वारा तैयार की गई नई संभावित सूची में होना चाहिए।
आवेदन स्वीकृत होने के बाद लाभार्थी को चरणबद्ध रूप से मकान निर्माण की राशि दी जाती है। यह राशि सीधे उसके बैंक खाते में डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से पहुँचाई जाती है।
ग्रामीण परिवारों के लिए लाभ
इस योजना से ग्रामीण भारत में रहने वाले लाखों गरीब परिवारों को न केवल पक्का छत मिला है बल्कि आत्मनिर्भरता का भी एहसास हुआ है। अब लोग अपने घर खुद बना रहे हैं, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं।
सरकार ने इस योजना को महिलाओं को सशक्त बनाने के दृष्टिकोण से भी जोड़ा है। मकान के स्वामित्व में महिला सदस्य का नाम शामिल करना अनिवार्य या वरीयता वाला नियम रखा गया है। इस नीति से ग्रामीण समाज में महिलाओं की स्थिति मजबूत हुई है।
योजना का एक और महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि मकान निर्माण के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्री और तकनीक स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार तय की जाती है ताकि मकान मजबूत, टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल हों।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण और इसका नया सर्वे भारत के ग्रामीण विकास की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। यह केवल एक मकान देने की योजना नहीं बल्कि ग्रामीण नागरिकों के जीवन स्तर को सुधारने का राष्ट्रीय अभियान है। इस नए सर्वे से उम्मीद है कि कोई भी जरूरतमंद परिवार अब छूटेगा नहीं और हर नागरिक को सुरक्षित, सम्मानजनक आवास मिल सकेगा।