Pension Relief 2025: डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट से बुजुर्गों का काम आसान, बैंक जाने की झंझट खत्म

By: Netal Devidan

On: Monday, October 6, 2025 12:21 PM

Relief for Pensioners

सेवानिवृत्त पेंशनधारकों के लिए यह एक बहुत बड़ी खुशखबरी है कि अब उन्हें पारंपरिक लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने की झंझट से छुटकारा मिल गया है। सरकार ने डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (Digital Life Certificate) की व्यवस्था शुरू की है, जिससे पेंशनर्स अपने स्मार्टफोन या कैमरापर आधारित फेस ऑथेंटिकेशन के जरिए घर बैठे ही अपना जीवन प्रमाणपत्र जमा कर सकते हैं।

इस नए सिस्टम के लागू होने से पहले पेंशनरों को हर साल बैंक, डाकघर या पेंशन कार्यालय जाना पड़ता था, जो बुजुर्ग या दिव्यांगों के लिए काफी मुश्किल भरा होता था। लेकिन अब मोबाइल और इंटरनेट की मदद से यह प्रक्रिया सरल, तेज और सुरक्षित हो गई है। यह सुविधा विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों और दूरदराज रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए वरदान साबित हुई है।

डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (Digital Life Certificate) प्रक्रिया

डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट को ‘जीवन प्रमाण पत्र’ भी कहा जाता है, जो एक बायोमेट्रिक सक्षम सेवा है। पेंशनर्स अपने आधार नंबर और पेंशन नंबर के साथ Jeevan Pramaan ऐप या Common Service Center (CSC) जैसे केंद्रों पर जाकर यह प्रमाणपत्र बना सकते हैं।

इसमें चेहरे की लाइव स्कैनिंग (Face Authentication) की जाती है, जो कि बायोमेट्रिक पहचान का अत्याधुनिक तरीका है। इसके बाद यह डिजिटल प्रमाणपत्र सीधे सरकारी सिस्टम में अपलोड हो जाता है और पेंशन की प्रक्रिया स्वतः अपडेट हो जाती है।

सरकार ने नवंबर 2025 में देशभर में डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट के लिए व्यापक awareness और camps लगाने की भी योजना बनाई है जिससे इससे जुड़ने वाले पेंशनर्स की संख्या और बढ़े।

पेंशनर्स को मिलने वाले लाभ

इस डिजिटल सुविधा के कई लाभ हैं। सबसे बड़ी बात है कि अब सालाना लाइफ सर्टिफिकेट देने के लिए बुजुर्गों को किसी कार्यालय में लंबी कतार में खड़ा होना नहीं पड़ेगा।

बीमार, दिव्यांग और दूरदराज रहने वाले पेंशनधारकों को घर बैठे ही प्रमाणपत्र जनरेट करके अपना अधिकार सुरक्षित रखने का मौका मिलेगा। इससे फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी की संभावना भी काफी कम हो जाएगी।

साथ ही, डिजिटल प्रक्रिया से पेंशन भुगतान में देरी की समस्या भी खत्म होगी और समय पर पेंशन सीधे खातों में ट्रांसफर होगी।

सरकार की पहल और भविष्य की योजनाएं

यह पहल केंद्र सरकार के पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) की तरफ से शुरू की गई है। इसका मकसद है बुजुर्गों को तकनीक के साथ जोड़ना और पेंशन से जुड़ी प्रक्रिया को पूरी तरह फ्री एवं फास्ट बनाना।

सरकार इसी कड़ी में हेल्पलाइन और ऑनलाइन सपोर्ट सिस्टम भी उपलब्ध करा रही है ताकि किसी भी समस्या में पेंशनर को तुरंत मदद मिल सके। आगे चलकर पेंशनर्स के लिए पेंशन स्टेटस चेकिंग, शिकायत निवारण और अन्य सेवाएं भी मोबाइल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगी।

कैसे करें डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट?

पेंशनधारक Jeevan Pramaan ऐप डाउनलोड कर सकते हैं, या किसी नजदीकी CSC केंद्र पर जाकर भी एक्टिवेशन करवा सकते हैं। आधार कार्ड व पेंशन नंबर तैयार रखें।
फेस ऑथेंटिकेशन या फिंगरप्रिंट स्कैनिंग के जरिए अपनी पर्सनल आईडेंटिटी प्रमाणित करें।
प्रमाणपत्र ऑनलाइन जनरेट होगा जो संबंधित बैंक या पेंशन कार्यालय को सीधे भेज दिया जाएगा।
इस प्रक्रिया से जुड़ी सभी जानकारी और सहायता के लिए केंद्र की ऑफिशियल वेबसाइट या UMANG ऐप से संपर्क किया जा सकता है।

निष्कर्ष

डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट की शुरुआत से पेंशनरों को बहुत बड़ी राहत मिली है। अब पेंशन धारकों को हर साल बैंक या सरकारी कार्यालयों में जाकर लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने की जरूरत नहीं होगी। मोबाइल से ही यह काम हो जाएगा, जिससे बुजुर्ग, दिव्यांग और ग्रामीण इलाके के पेंशनर्स को सुविधा होगी।

सरकार की इस पहल से न केवल पेंशन वितरण प्रक्रिया तेज होगी, बल्कि पेंशनर्स की आर्थिक सुरक्षा और जीवन की गुणवत्ता भी बेहतर होगी। डिजिटल इंडिया की इस पहल ने पेंशन सेक्टर को पूरी तरह से आधुनिक बना दिया है।

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