केंद्र सरकार ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को बड़ी राहत देते हुए न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी की घोषणा की है। इसके तहत 1 अक्टूबर 2024 से नई दरें लागू हो चुकी हैं। ये वृद्धि परिवर्तनीय महंगाई भत्ते (VDA) के आधार पर की गई है। इससे देशभर के लाखों श्रमिकों को आर्थिक राहत मिलेगी।
इस बढ़ोतरी का फायदा निर्माण, सफाई, खनन, कृषि और माल लादने-उतारने जैसे क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों को मिलेगा। नई दरें कौशल स्तर और भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर तय की गई हैं। इससे श्रमिकों को बढ़ती महंगाई का सामना करने में मदद मिलेगी।
मिनिमम वेज हाइक 2025 की मुख्य बातें
सरकार ने न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी की घोषणा करते हुए श्रमिकों को बड़ी राहत दी है। ये नई दरें 1 अक्टूबर 2024 से लागू हो चुकी हैं। इससे पहले अप्रैल 2024 में मजदूरी में संशोधन किया गया था।
इस बढ़ोतरी का उद्देश्य श्रमिकों को जीवनयापन के लिए बढ़ती लागत का सामना करने में मदद करना है। केंद्र सरकार साल में दो बार, 1 अप्रैल और 1 अक्टूबर को, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर महंगाई भत्ते को संशोधित करती है।
नई दरें अकुशल, अर्ध-कुशल, कुशल और अत्यधिक कुशल श्रमिकों के लिए अलग-अलग तय की गई हैं। इन्हें भौगोलिक क्षेत्र A, B और C के आधार पर भी बांटा गया है।
विस्तृत जानकारी भारत सरकार के मुख्य श्रम आयुक्त (केंद्रीय) की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है। श्रमिक और नियोक्ता दोनों इसे चेक कर सकते हैं।
मिनिमम वेज योजना का ओवरव्यू
विवरण | जानकारी |
योजना का नाम | न्यूनतम मजदूरी वृद्धि 2025 |
लाभार्थी | असंगठित क्षेत्र के श्रमिक |
लाभार्थी संख्या | लाखों श्रमिक |
लागू तिथि | 1 अक्टूबर 2024 |
निर्णय लेने वाला विभाग | श्रम एवं रोजगार मंत्रालय |
आधार | परिवर्तनीय महंगाई भत्ता (VDA) |
आधिकारिक वेबसाइट | clc.gov.in |
मिनिमम वेज 2025: नई दरें
क्षेत्र A में अकुशल श्रमिकों को अब 783 रुपये प्रतिदिन या 20,358 रुपये प्रति माह मिलेंगे। इससे पहले यह राशि 750 रुपये प्रतिदिन थी। इसमें लगभग 33 रुपये प्रतिदिन की बढ़ोतरी हुई है।
अर्ध-कुशल श्रमिकों के लिए नई दर 868 रुपये प्रतिदिन या 22,568 रुपये प्रति माह तय की गई है। इसमें भी पिछली दर की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
कुशल श्रमिकों, लिपिकों और बिना हथियार वाले चौकीदारों को 954 रुपये प्रतिदिन या 24,804 रुपये प्रति माह मिलेंगे। अत्यधिक कुशल श्रमिकों और हथियार के साथ चौकीदारों को 1,035 रुपये प्रतिदिन या 26,910 रुपये प्रति माह मिलेंगे।
लाभ किन्हें मिलेगा?
इस वृद्धि का लाभ भवन निर्माण, सफाई, शोधन, घर की देखभाल, खनन और कृषि जैसे क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों को मिलेगा। ये सभी केंद्रीय क्षेत्र के प्रतिष्ठानों में काम करते हैं।
अकुशल श्रमिकों को निर्माण साइट्स, सफाई कार्य और माल लादने-उतारने में लगे लोगों को शामिल किया गया है। अर्ध-कुशल श्रमिकों में वे लोग आते हैं जिन्हें कुछ प्रशिक्षण मिला हो।
कुशल श्रमिकों में तकनीशियन, लिपिक और अनुभवी श्रमिक शामिल हैं। अत्यधिक कुशल श्रमिकों में विशेषज्ञ और हथियार के साथ चौकीदार शामिल हैं।
न्यूनतम मजदूरी क्यों जरूरी है?
न्यूनतम मजदूरी का उद्देश्य श्रमिकों को शोषण से बचाना है। यह उन्हें बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त आय सुनिश्चित करती है।
यह बढ़ती महंगाई के खिलाफ एक सुरक्षा जाल का काम करती है। नियोक्ता के लिए यह एक कानूनी दायित्व है कि वह श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी से कम वेतन न दे।
इससे श्रमिकों के जीवन स्तर में सुधार होता है। यह आर्थिक असमानता को कम करने में भी मदद करती है।
शिकायत कैसे करें?
अगर किसी श्रमिक को न्यूनतम मजदूरी से कम वेतन दिया जा रहा है, तो वह श्रम विभाग में शिकायत दर्ज कर सकता है। इसके लिए जॉइंट लेबर कमिश्नर के पास क्लेम फाइल किया जा सकता है।
श्रमिक अपने क्षेत्र के श्रम अधिकारी से भी संपर्क कर सकते हैं। आधिकारिक वेबसाइट पर शिकायत दर्ज करने की सुविधा भी उपलब्ध है।
शिकायत के बाद जांच की जाती है और नियोक्ता को निर्देश दिए जाते हैं। अगर नियोक्ता नहीं मानता है, तो कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
नई दरों का असर
इस वृद्धि से श्रमिकों के परिवारों को आर्थिक राहत मिलेगी। वे बेहतर खाना, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं ले पाएंगे।
नियोक्ताओं पर वेतन लागत में थोड़ी बढ़ोतरी होगी। लेकिन यह उनके लिए भी एक जिम्मेदारी है।
इससे श्रमिकों का मनोबल बढ़ेगा और उत्पादकता में सुधार होगा। यह देश की आर्थिक वृद्धि के लिए भी फायदेमंद है।
भविष्य की योजनाएं
सरकार ने संकेत दिए हैं कि वह आगे भी महंगाई के आधार पर मजदूरी में समायोजन करती रहेगी। अगला संशोधन अप्रैल 2025 में हो सकता है।
श्रम विभाग ने डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से श्रमिकों की जानकारी एकत्र करने की योजना बनाई है। इससे लाभार्थियों की संख्या का सही आकलन हो पाएगा।
सरकार श्रमिकों के लिए अन्य लाभ जैसे पेंशन और स्वास्थ्य बीमा को भी मजबूत करने पर विचार कर रही है।